नई दिल्ली : रेल यात्रा करने वालों के लिए एक जरूरी खबर सामने आई है। महामारी के समय वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में मिलने वाली खत्म की गई रियायत अब पूरी तरह खत्म कर दी गई हैं। रेलवे ने सीनियर सिटीजन और खिलाड़ियों समेत दूसरी कैटेगरी के यात्रियों की रियायती टिकट की सुविधा फिर से शुरू किए जाने से इनकार कर दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि रेलवे के पैसेंजर सेगमेंट का किराया पहले से ही काफी कम है और अलग-अलग कैटेगरी में रियायती टिकट दिए जाने से रेलवे को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
घाटे में चल रही रेलवे
रेल मंत्री ने जानकारी दी है कि सीनियर सिटीजन को रेल टिकट पर छूट देने के चलते 2018-18 में रेलवे को 1491 करोड रुपए का नुकसान हुआ। इसके बाद 2018-19 में 1636 करोड रुपए और 2019-20 में 6.18 करोड रुपए, इसके अलावा 2020-21 में 1.90 करोड रुपए और 2021-22 में 5.55 करोड रुपए का भुगतान हुआ है। रेल मंत्री ने कहा कि रेल कंसेशन बहाल करने से रेलवे के वित्तीय सेहत पर और भी बुरा असर पड़ेगा। इसलिए सीनियर सिटीजन समेत सभी कैटेगरी के लोगों के लिए रियायती रेल टिकट सेवा बहाल किया जाना संभव नहीं है।
रेल सफर महंगा
बता दे कि रेलवे ने मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में महिलाओं को किराए पर 50 फीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में सफर करने के लिए 40 फ़ीसदी की छूट प्रदान की थी। इसके अलावा बुजुर्ग महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुषों के लिए 60 वर्ष तय की गई थी। कोरोना काल के बाद इन्हें मिलने वाली सभी तरह की रियायतें खत्म कर दी गई है। अब रियायतों को निलंबित किए जाने के बाद वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल सफर महंगा पड़ रहा है।