मसूरी: महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए समाजसेवी मनीष गौनियाल द्वारा लगभग 30 महिलाओं का समूह बनाया गया है,, जिसमें उनके द्वारा ऊन वितरित की गई और उनकी स्वेटर है टोपी दस्ताने आदि बनाकर बाजार में उपलब्ध करवाया जा रहा है, हाथ से बनी ए स्वेटर लोगो को काफी पसंद आ रहे हैं, इससे जँहा महिलाएं आत्म निर्भर हो रही है ,वही दूसरी और इनको स्वरोजगार भी मिल रहा है,,, मसूरी का मौसम ठंडा होने की वजह से भी ,इसकी खपत ज्यादा है,,हेड मेड होने के करण इस बाजार भी आसानी से उपलब्ध हो रहा है,,, पर्यटकों को भी यह काफी पसंद आते जिसकी वहज से आसानी से इन्हें कही पर भी बेचा जा सकता है,,
इस मौके पर समाजसेवी पंडित मनीष गौनियल ने बताया कि वह काफी समय से मसूरी शहर की महिलाओं के लिए स्वरोजगार के साधन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं,,, इस काम का महिलाओं को एक फायदा औऱ भी है एक तो वह घर पर रह कर यह काम कर लेती है,, दूसरा गृह कार्य मे से बचे वक्त का भी सदुपयोग हो रहा है,,गौनीयाल,ने मसूरी विधायक गणेश जोशी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जोशी ने मसूरी की महिलाओं के स्वरोजगार के लिए कुछ नही किया जब कि प्रदेश में उनकी सरकार है वह इस सरकार में काबीना मंत्री भी है ,, वह चाहते तो बहुत कुछ कर सकते थे ,लेकिन वह साल भर में एक बार रक्षा बंधन का काम जरूर करते हैं , औऱ पहाड़ की महिलाओं का भाई होने का नाटक कर अपना बोट बैंक बढाते है ,, उनके द्वरा जितने भी रक्षा बंधन किए गए , उनमें ,सिर्फ छाता, या गड़ी, या एक जग के लिए महिलाओं को घण्टो इंतजार करया जाता है, इससे इन हमारी बहनों का कोई भला नही होने वाला है ,अगर विधायक जी वाकई इन महिलाओं के हितैषी है तो दस साल के अपने कार्यकाल में बताए की कितनी बहनों को उन्होंने स्वरोजगार उपलब्ध कराया है,,
गोनियाल ने बताया कि महिलाओं द्वारा बनाए गए ऊनी वस्त्रों की बाजार में मांग बढ़ रही है और साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार भी उपलब्ध हो रहा है,, अभी उन्होंने 30 महिलाओं का समूह तबनाया इसके बाद प्रत्येक वार्ड की महिलाओं का समूह तैयार किया जा रहा जो भी इसके लिए उन से जुड़ना चाहेगा वह उन सभी बहनों की मदद के लिए हमेशा आगे आएंगे,,
अंशु कंडारी ने कहा कि मनीष गौनियाल द्वारा उन्हें ऊन उपलब्ध करवाई गई थी जिसके बाद उन्होंने ऊनी वस्त्र बनाकर आज से बाजार में बेचने का काम शुरू कर दिया है उन्होंने गौनियाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना काल के बाद महिलाओं की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी लेकिन अब धीरे-धीरे उन्हें रोजगार उपलब्ध हो रहा है और उन्हें पूरा विश्वास है कि इस सामान की मांग बाजार में लगातार बढ़ती जाएगी और इससे उन्हें स्वरोजगार मिलेगा।
रिपोर्टर: उपेंद्र लेखवार