मसूरी: सूबे मे हो रही लगातार बारिश ने पहाड़ों की रानी मसूरी पर भी असर डाला है, मसूरी- देहरादून गलोगी धार के पास पहाड़ दरकने से बड़े-बड़े बोल्डर औऱ मलवा आने से मार्ग 14 घँटे तक बाधित रहा। भारी बारिश में दोनों तरफ सड़क पर लंबा जाम लग गया जिसमे स्थानीय लोगो के साथ- साथ कई पर्यटक वाहन भी जाम मे घण्टो फंसे रहे। बारिश के कारण लोकनिर्माण विभाग की जेसेबी मशीनें भी खड़ी की खड़ी रह गई। क्योंकि पहाड़ के दरकने का सिलसिला लगातार जारी रहा जैसे ही बारिश हल्की हुई जेसीबी मशीनें मार्ग खोलने में जुट गई तब जाकर मार्ग खुला। मसूरी देहरादून रोड बाधित होने की सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी , मनीष कुमार ने मौके पर पहुँच कर बाधित मार्ग का निरीक्षण किया औऱ लोकनिर्माण विभाग के उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द मार्ग को खोलकर यातायात को सुगम बनाकर रखे। अगर रात में भी मार्ग बंद होता है तो उसे खुलवाने की ब्यवस्था सुनिश्चित करें।
वही पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि मसूरी देहरादून मार्ग पिछले दो तीन महीने से बार बार बाधित हो रहा है, जिससे लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मसूरी आने जाने का मुख्य मार्ग होने के कारण इस मार्ग पर ट्रैफिक का भारी दबाव भी रहता है। उत्तरकाशी , थत्यूड़, भावन , कैमटिफाल नैन बाग समेत युमना घाटी के लोग भी मार्ग से निकलते हैं। मार्ग बाधित होने से लम्बा जाम लग जाता है, पालिका अध्यक्ष ने कहा कि बरसात के बाद विभाग को इसका स्थाई ट्रीटमेंट करना पड़ेगा तब जा कर इस समस्या का हल हो पाएगा। गुप्ता ने यह भी कहा कि इस सम्बंध में वह लोकनिर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज को एक पत्र भी लिख कर, जो पहाड़ टूट रहा है उसका स्थाई ट्रीट मेन्ट करने के लिए बजट की व्यवस्था करने की माँग करेंगे।
मसूरी देहरादून मार्ग बंद होने से लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंच गई है। क्योंकि बारिश कहर लगातार जारी है,। प्रांतीय खण्ड के एक्शन डी सी नौटियाल ने बताया कि गलोगी के पास स्थिति यह है कि वँहा पर विभाग ने दो दो जेसीबी मशीनें तैनात कर रखी है ,लेकिन बारिश के चलते पहाड़ से लगतार ,दरक रहा है , बड़े बड़े बोल्डरों के साथ मलवा भी सड़क पर आ रहा है,, जिससे जेसीबी मशीन के चालको के पास बारिश के रुकने या फिर कम होने का इंतजार के सिवा कोई रास्ता नहीं है। मौसम जैसे ही थोड़ा साथ देता है हम्म तुरंत सड़क खोलने का प्रयास कर रहे हैं। भारी बारिश में मशीनों को चलाना मौत के मुंह मे हाथ देने वाली बात होगी, क्योंकि ऊपर से पत्थर आने का भय वँहा पर हमेशा बना हुआ है ,फिर भी विभाग की कोशिश लगातार बनी हुई है। दिन रात दो जेसीबी मौके पर ही है, लेकिन आसमान थोड़ी रियायत करें तो कोई काम बने , डीसी नोटियाल ने बरसात के बाद इस पहाड़ के ट्रीटमेन्ट की बात भी कही ,औऱ उसके लिए जल्द ही इसकी डीपीआर बना कर शासन को भेजी जाएगी जिससे गलोगी धार के पहाड़ को टूटने का स्थायी समाधान हो पाएगा।
रिपोर्टर – उपेंद्र लेखवार