November 12, 2025 8:12 pm

15 लाख की सब्सिडी, बैंक लोन…धामी सरकार बदलेगी होमस्टे पॉलिसी, अब सिर्फ स्थानीय निवासियों को मिलेगा लाभ

देहरादून: स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार लगातार नए कदम उठा रही है. इन्हीं पहलों में सबसे लोकप्रिय रही है होमस्टे योजना, जिसके तहत सरकार ने युवाओं को सब्सिडी देकर पर्यटन से जोड़ने की दिशा में बड़ा काम किया. उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जो होमस्टे योजना में सबसे अधिक सब्सिडी दे रहा है.

– पर्वतीय क्षेत्रों में 15 लाख रुपए तक की सब्सिडी
– मैदानी क्षेत्रों में 7.5 लाख रुपए तक की सब्सिडी
– बैंक लोन पर अतिरिक्त राहत
– बिजली-पानी के कनेक्शन पर गैर-कॉमर्शियल दरें

बढ़ती गड़बड़ियां, अब सरकार सख्त
हालांकि, योजना लोकप्रिय हुई, लेकिन इसके साथ दुरुपयोग भी तेजी से बढ़ा है. कई जगहों पर कॉमर्शियल बिल्डिंग्स को होमस्टे के रूप में रजिस्टर करा लिया गया है- जैसे किसी इमारत की पहली मंजिल पर फिजियोथैरेपी क्लिनिक, दूसरी पर होमस्टे और तीसरी पर नशा मुक्ति केंद्र! नियमों के मुताबिक, कॉमर्शियल बिल्डिंग में होमस्टे की अनुमति नहीं है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में ऐसे ‘कथित’ होमस्टे पंजीकृत किए गए हैं.

सरकार करेगी सख्त मॉनिटरिंग
पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल के अनुसार, ‘सरकार अब होमस्टे नीति में ठोस बदलाव करने जा रही है. नई नीति के तहत योजना का लाभ सिर्फ उत्तराखंड के स्थायी निवासियों को मिलेगा. लीज पर ली गई जमीन या केयरटेकर के नाम पर कोई भी होमस्टे रजिस्टर नहीं किया जाएगा.’ इसके अलावा अब केवल वही होमस्टे पंजीकृत होंगे जिनमें मालिक स्वयं निवास करता हो और स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो.

अब तक के आंकड़े
राज्य में फिलहाल 7,000 से अधिक होमस्टे रजिस्टर्ड हैं और सरकार अब तक इस योजना पर 250 करोड़ रुपए से अधिक सब्सिडी खर्च कर चुकी है. नई नीति से न सिर्फ फर्जी रजिस्ट्रेशन पर रोक लगेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा होंगे.