हल्द्वानी: नैनीताल जिला मुख्यालय हल्द्वानी में अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर गरजा. हालांकि ये एक्शन मंगलवार 11 नवंबर शाम को अतिक्रमण पर रिपोर्टिंग करने गए पत्रकार से साथ हुई मारपीट के बाद किया गया. अतिक्रमणकारियों ने न सिर्फ पत्रकार के साथ मारपीट की थी, बल्कि उसे नाले में भी फेंक दिया था. फिलहाल पत्रकार की हालत नाजुक बनी हुई है.
वहीं इस घटना के बाद जिला विकास प्राधिकरण और स्थानीय पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मंच गया था. आज 12 नवंबर बुधवार को इस मामले में जहां पुलिस ने पत्रकार के साथ मारपीट करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया तो वहीं हल्द्वानी मेयर गजराज़ सिंह बिष्ट ने भी अतिक्रमण पर जिला विकास प्राधिकरण और प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किए.
इसके बाद जिला विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन की टीम ने हल्द्वानी के ऊंचापुल इलाके में अतिक्रमण को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया. इस मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए जिला विकास प्राधिकरण नैनीताल के सचिव विजय नाथ शुक्ला ने कहा कि कल की घटना बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं नाले की जमीन पर अतिक्रमण कर जो निर्माण किया जा रहा था, उसको आज ध्वस्त कर दिया गया है.
प्राधिकरण के सचिव विजय नाथ शुक्ला का कहना है कि नक्शा हमेशा भूमिधर की जमीन पर पास होता है. नक्शा पास करने के लिए हमेशा जमीन का रिकॉर्ड लगाया जाता है, उस रिकॉर्ड के आधार पर ही नक्शा पास होता है, लेकिन कई बार लोग उस नक्शे के आधार पर सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य कर देते है. हल्द्वानी में नाले की जमीन पर कब्जे का प्रयास किया गया, उसको आज यहां पर हटाया गया है. यदि इस मामले में जेई और एई ने कोई कोताही बरती होगी तो उसकी भी जांच कराई जाएगी.
वहीं पत्रकार पर हुए हमले और नाले की जमीन पर हुए अतिक्रमण के बारे में हल्द्वानी के मेयर गजराज़ सिंह बिष्ट से भी सवाल किया गया. उन्होंने कहा कि इस अतिक्रमण के लिए चार दिन पहले ही उन्होंने जिला विकास प्राधिकरण को सूचित कर दिया था. हालांकि उस वक्त प्राधिकरण की तरफ से कहा गया है कि उसका नक्शा पास कर दिया गया है. सवाल ये है कि अगर पहले उसका नक्शा पास किया गया तो आज किस अधिकार से उस बिल्डिंग को तोड़ा जा रहा है. यदि आज उस बिल्डिंग को तोड़ा जा रहा है, तो चार दिन पहले प्राधिकरण ने किस अधिकार से कहा था कि उस भवन का नक्शा पास है. ये भी एक जांच का विषय है.
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