November 14, 2025 8:40 pm

जहां-जहां किया धामी ने प्रचार, वहाँ –वहाँ भी जीता बिहार…

देहरादून: बिहार विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा के प्रभावशाली स्टार प्रचारक के रूप में उभरे हैं। उनके चुनावी दौरे, जनसभाओं और रोड शो ने न केवल पार्टी कैडर में नई ऊर्जा भरी बल्कि अनिर्णय की स्थिति में पड़े मतदाताओं पर भी गहरा प्रभाव छोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धामी की सुदृढ़ प्रशासनिक छवि, युवा नेतृत्व और दमदार वक्तृत्व ने उन्हें बिहार के चुनावी माहौल में एक प्रमुख चेहरा बना दिया है।

अपने संबोधनों में धामी ने बार-बार उत्तराखंड के सुशासन मॉडल का उदाहरण देते हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई, त्वरित प्रशासनिक सुधार और कानून-व्यवस्था की मजबूती जैसे बिंदुओं को सामने रखा। उन्होंने कहा कि “सख्त और पारदर्शी शासन केवल इच्छाशक्ति का सवाल है,” और भाजपा ही ऐसी नीतियों को लागू करने की क्षमता रखती है। इन बिंदुओं ने ग्रामीण और शहरी—दोनों ही वर्गों में सकारात्मक प्रभाव छोड़ा।

चुनावी विमर्श में सबसे अधिक चर्चा धामी के शिक्षा के इस्लामीकरण के मुद्दे पर लिए गए आक्रामक रुख की रही। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि ढीली नीतियों के कारण शिक्षा व्यवस्था में कट्टरवादी प्रभाव बढ़े। इसी क्रम में उन्होंने उत्तराखंड सरकार द्वारा अवैध मदरसों के सर्वे और ध्वस्तीकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि “शिक्षा को कट्टरवाद से मुक्त रखना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है।” धामी की यह लाइन बिहार के युवा मतदाताओं और भाजपा समर्थक वर्ग में व्यापक रूप से गूंजती रही और सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हुई।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि धामी की भाषण शैली, मुद्दों को स्पष्टता के साथ रखने की क्षमता और उनकी प्रशासनिक उपलब्धियाँ उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रभावी प्रचारक बना रही हैं। बिहार में उनकी रैलियों में अपेक्षा से अधिक भीड़ उमड़ना इसी प्रभाव की पुष्टि करता है। युवा मतदाता विशेष रूप से उनके ‘कड़े निर्णय लेने वाले नेतृत्व’ की छवि से प्रभावित देखे गए।

भाजपा रणनीतिकारों के अनुसार, धामी के इन दौरों ने कई सीटों पर पार्टी के पक्ष में हवा बनाई है और चुनावी समीकरणों में “अपेक्षित से अधिक बढ़त” की जमीन तैयार की है। आगामी चुनावी अभियानों में भी पार्टी उन्हें प्रमुख चेहरे के रूप में उतारने की योजना बना रही है। कुल मिलाकर, धामी का बिहार दौरा भाजपा के लिए वह रणनीतिक बढ़त लेकर आया है जिसने चुनावी परिदृश्य को उसके पक्ष में निर्णायक रूप से मोड़ने में अहम योगदान दिया है। बिहार चुनाव में सीएम धामी ने गौरीकोठी,सिवान,वारसलीगंज, कल्याणपुर, हरसिद्धि विधानसभा सीटों पर प्रचार किया था।