September 19, 2024 9:30 pm

राहुल गांधी पर की जा रही टिप्पणी से यशपाल आर्य आहत, कहा निचले स्तर की राजनीति कर रहे BJP के नेता, केंद्रीय नेतृत्व पर भी उठाये सवाल

देहरादून: यशपाल आर्य ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है। पिछले कुछ दिनों से भाजपा के विधायकों और मंत्रियों ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी के खिलाफ हिंसक बयान जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता को नंबर एक आतंकवादी कह रहे हैं। महाराष्ट्र में सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका हश्र दादी जैसा करने की धमकी दे रहे हैं। राहुल गांधी जी की दादी शहीद हुईं, राहुल गांधी जी के पिता शहीद हुए, राहुल गांधी जी के परदादा ने इस देश की आजादी के लिए बलिदान दिया। राहुल गांधी जी ने खुद कन्याकुमारी से कश्मीर और मणिपुर से मुंबई तक की यात्रा की ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह देश एकजुट रहे।
आर्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्व भर में जानी जाती है। इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया। गांधी जी ने अंग्रेजी राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था। आजादी के बाद संसदीय परिधि में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ताधारी दल का यह राजनीतिक व्यवहार लोकतांत्रिक इतिहास का अशिष्टतम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा राहुल गांधी जी से डरती है क्योंकि उन्होंने उनकी नापाक योजनाओं को विफल कर दिया है, क्योंकि उन्होंने भाजपा को बेनकाब कर दिया है, क्योंकि वे दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, युवाओं और किसानों की आवाज उठाते हैं और सत्ता के सामने सच बोलने का साहस रखते हैं।
आर्य ने पूछा कि क्या भाजपा लोकतंत्र में इस हिंसा और नफरत का समर्थन करती है? भाजपा इन लोगों को पार्टी से क्यों नहीं निकाल रही है? क्या लोकतंत्र में भाजपा नेता विपक्ष के नेता को जान से मारने की धमकी देने वालों का समर्थन कर रहे हैं? भारत में राजनीति इससे ज्यादा निचले स्तर पर नहीं गिर सकती।