February 5, 2025 12:20 pm

उत्तराखंड में बीकेटीसी और दो महत्वपूर्ण आयोगों के पद हुए खाली, नेताओं में जागी दायित्व बंटवारे की आस!

देहरादून: उत्तराखंड में जहां एक ओर तमाम नेता दायित्व की आस लगाए बैठे हैं तो वहीं वर्तमान समय में तमाम नेताओं को दिए गए दायित्व का कार्यकाल भी पूरा हो गया है. हाल ही में नगर निकाय चुनाव को लेकर लागू आदर्श आचार संहिता समाप्त हो गई है. साथ ही समान नागरिक संहिता लागू होने और राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के बाद एक बार फिर नेताओं के दायित्व का मामला तूल पकड़ने लगा है.

साल 2022 में धामी की सरकार बनने के बाद अभी तक दायित्वधारियों की 2 सूची ही जारी हुई है. जबकि, दायित्व लेने की आस लगाए नेताओं की एक लंबी लिस्ट है. ऐसे में क्या है फिलहाल दायित्व बंटवारे की संभावना? किन-किन नेताओं का दायित्व हो चुका है समाप्त? विस्तार पढ़िए पूरी खबर.

बीकेटीसी, राज्य महिला आयोग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष पद के कार्यकाल समाप्त

उत्तराखंड में निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद अब एक बार फिर दायित्व बंटवारे की सुगबुगाहट तेज हो गई है. इसकी एक वजह ये भी है क्योंकि, जनवरी महीने में बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पद का कार्यकाल समाप्त हो गया है.

इसके अलावा राज्य महिला आयोग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यकाल भी जनवरी महीने में समाप्त हो गया है. ये तीनों पद ही काफी महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें लंबे समय तक खाली नहीं रखा जा सकता है. यही वजह है कि एक बार फिर नेताओं में दायित्व बंटवारे की आस जग गई है.

दरअसल, साल 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले जब धामी सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग किया था. उसके बाद बदरी केदार मंदिर समिति फिर से अस्तित्व में आ गई थी. लिहाजा, बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजेंद्र अजय को बदरी केदार मंदिर समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन 3 साल बाद जनवरी महीने में अजेंद्र अजय का कार्यकाल समाप्त हो गया है.

वर्तमान समय में शीतकालीन यात्रा चल रही है तो वहीं दो महीने बाद चारधाम यात्रा 2025 भी शुरू हो जाएगी. जिकसे चलते संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही बीकेटीसी के अध्यक्ष पद पर किसी नेता को दायित्व सौंपा जा सकता है. ये भी चर्चा है कि बीकेटीसी के पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय को दोबारा जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.

इसके साथ ही साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 8 जनवरी को उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष पद पर बीजेपी नेता कुसुम कंडवाल को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिनका कार्यकाल जनवरी 2025 में समाप्त हो गया है. ऐसे में राज्य महिला आयोग के पद पर भी नई जिम्मेदारी दी जानी है.