देहरादून: हल्द्वानी के अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गौलापार में 38वें नेशनल गेम्स का समापन समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शीर्ष तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया. साथ ही नेशनल गेम्स के सफल आयोजन को लेकर सीएम धामी की पीठ थपथपाई. वहीं, सीएम धामी ने अपने संबोधन में नेशनल गेम्स को उत्तराखंड के लिए नई उम्मीदों और संभावनाओं की एक नई शुरुआत बताई.
उत्तराखंड में पहली बार हुआ नेशनल गेम्स का आयोजन
सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा कि 38वें नेशनल गेम्स के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद मिला था. आज इन खेलों के समापन मौके पर गृह मंत्री अमित शाह का सानिध्य मिला. राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर उत्तराखंड में पहली बार नेशनल गेम्स का आयोजन हुआ है.
देश का प्रतिनिधित्व करने वाले कई चैंपियन उभर कर सामने आए
खेलों के इस महा समागम में देशभर से 16 हजार से ज्यादा एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग किया. जिन्होंने 448 गोल्ड, 448 सिल्वर और 594 ब्रॉन्ज मेडल जीते. कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए. भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले कई चैंपियन भी उभर कर सामने आए हैं.
रात में रिवर राफ्टिंग की प्रतियोगिता करा कर बनाया रिकॉर्ड
इन खेलों में जहां उत्तराखंड ने पहली बार योग और मलखंभ जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का काम किया तो वहीं रात में रिवर राफ्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है. सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में नेशनल गेम्स को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया.
ई वेस्ट से बनाए गए मेडल
इस आयोजन में प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम किया. साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का इस्तेमाल भी किया. खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया. ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई वाहनों का इस्तेमाल भी किया गया.
मेडल विजेता खिलाड़ी के नाम से लगाए जाएंगे रुद्राक्ष के पेड़
उत्तराखंड में करीब 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ‘खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक मेडल विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे. खेल वन में 1600 पेड़ रोपे जाएंगे.
दूरस्थ पहाड़ी स्थानों में भी हुई खेल स्पर्धाएं
सीएम धामी ने कहा कि इस नेशनल गेम्स में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे दूरस्थ पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई. चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी नेशनल गेम्स की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ.
हाई एल्टीट्यूड की झीलों और नदियों में हुए वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स
नेशनल गेम्स में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई एल्टीट्यूड पर स्थित झीलों और नदियों में आयोजित किया गया. इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थायी निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थायी स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया.
अतिथि देवो भवः की परंपरा के साथ खिलाड़ियों का स्वागत
सीएम धामी ने कहा कि 38वें नेशनल गेम्स को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 गोल्ड मेडलों के साथ रिकॉर्ड 103 मेडल जीते. इन परिणामों से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने कहा कि ‘अतिथि देवो भवः’ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को सुविधाएं दी गई.
सपरिवार उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने आएं खिलाड़ी
सीएम धामी ने विश्वास जताया कि नेशनल गेम्स में आए खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ देवभूमि उत्तराखंड से अपने इस रिश्ते को बनाए रखेंगे. भविष्य में वो सपरिवार उत्तराखंड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने जरूर आएंगे.
उत्तराखंड में नई उम्मीद और संभावनाओं की शुरुआत
सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि 38वें नेशनल गेम्स का समापन सभी खिलाड़ियों के लिए खेल अवसरों का अंत नहीं, बल्कि नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत है. वहीं, सीएम धामी ने उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के आयोजन की जिम्मेदारी देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, खेल मंत्री मनसुख मांडविया का आभार जताया.