April 12, 2025 1:42 am

उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं फिर से तेज, सीएम की राज्यपाल से मुलाकात के निकाले जा रहे मायने 

देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर से कैबिनेट विस्तार की चर्चा जोर पकड़ने लगी है. दिल्ली दौरे से लौटे राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की. हालांकि, इस मुलाकात के दौरान विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन उनकी इस मुलाकात के बाद फिर से कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं होने लगी हैं.

जब-जब सीएम और प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली गए, तब-तब विधायकों की बढ़ी धड़कनें

बता दें कि पिछले दो महीने से लगातार कई बार मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं हो रही हैं. पिछले महीने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दिल्ली के कई चक्कर लगाए तो वहीं जब-जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महेंद्र भट्ट देहरादून लौटे तो तब-तब सरकार के कई विधायकों की धड़कनें बढ़ती रही.

वहीं, मार्च महीना खत्म होने के बाद अब अप्रैल लग चुका है, लेकिन अब तक उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ है. न ही बीजेपी को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिला है. कहा जा रहा कि अंदर खाने सारा होमवर्क हो चुका है. अब किसी भी समय उत्तराखंड में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है, लेकिन इससे पहले बीजेपी को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक नया चेहरा मिलेगा, इसको लेकर भी चर्चाएं हैं.

ताजा चर्चाओं में ये भी कहा जा रहा है कि सीएम धामी के दिल्ली से लौटने के बाद राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह भी दिल्ली गए. जिस तरह से लगातार बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से उनकी मुलाकात हुई और उसके बाद वे उत्तराखंड लौटे. उसके बाद से निर्णायक तौर पर कुछ राजनीतिक चहलकदमियां देखने को मिल सकती हैं.

बीजेपी 20 नेताओं को सौंप चुकी है दायित्व

राज्यपाल से मुख्यमंत्री की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं इसलिए भी तेज है, क्योंकि बीते दिनों ही बीजेपी ने अपने 20 सक्रिय कार्यकर्ताओं को सरकार में बड़े दायित्व सौंपे हैं. दायित्व बंटवारे का यह इंतजार पिछले कई महीनों से हो रहा था, लेकिन अब जिस तरह से धीरे-धीरे सरकार का पिटारा खुल रहा है, इससे बीजेपी के तमाम नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं.

नए दायित्वधारियों की घोषणा भी कर सकती है धामी सरकार

जहां बीती एक अप्रैल को धामी सरकार ने अपने 20 दायित्वधारियों की घोषणा की तो वहीं अब एक बार फिर से 18 और नए दायित्वधारियों की घोषणा धामी सरकार कर सकती है. वहीं, अगर मंत्रिमंडल का विस्तार होता है तो निश्चित तौर से बीजेपी के कई वरिष्ठ विधायकों की लॉटरी खुल सकती है, ऐसा माना जा रहा है. जिनमें कुछ विधायकों के नाम भी आगे चल रहे हैं. जिसमें उनके अनुभव और पार्टी में ओहदे को देखा जा रहा है.

वहीं, हाल ही में प्रेमचंद अग्रवाल की इस्तीफे के बाद सरकार के दो बड़े विभाग वित्त और संसदीय कार्य मंत्री के पद खाली हैं. ऐसे में फिलहाल अभी यह दोनों विभाग मुख्यमंत्री के पास हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के पास पहले से ही 40 विभाग हैं. जिसके चलते जानकारों का मानना है कि अब मुख्यमंत्री को अपने कंधों से बोझ हल्का करना ही पड़ेगा.