विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने हरिद्वार नगर निगम भूमि घोटाले को लेकर सरकार और जांच एजेंसियों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विजिलेंस जांच की सिफारिश सराहनीय है, लेकिन पूरे घोटाले की पटकथा तैयार कराने वाले मास्टरमाइंड अधिकारी को अब तक जांच के घेरे में नहीं लिया गया है।
नेगी ने आरोप लगाया कि यह मास्टरमाइंड सरकार में गहरी पैठ रखता है और उसी के निर्देश पर अधिकारियों ने लैंड यूज बदला तथा लगभग 30 बीघा जमीन को रातों-रात निजी स्वामित्व में ले लिया गया। इससे सरकार को लगभग 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि अब तक 12 अधिकारियों को निलंबित या सेवा विस्तार समाप्त किया जा चुका है, लेकिन भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। यह सवाल खड़ा करता है कि असली गुनहगार को क्यों बचाया जा रहा है?
नेगी ने कहा कि मोर्चा इन निलंबित अधिकारियों को आश्वस्त करता है कि यदि वे मास्टरमाइंड अधिकारी का नाम उजागर करें, तो मोर्चा उसे न्याय के कठघरे में खड़ा करने के लिए न्यायालय तक जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए, लेकिन असली दोषी को बख्शना जनता और न्याय दोनों के साथ धोखा है।
जन संघर्ष मोर्चा ने राजभवन से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाए और भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा और दिलबाग सिंह भी मौजूद रहे।