November 28, 2025 5:08 am

उत्तराखंड में नए आपराधिक कानूनों का प्रचार-प्रसार करेगा अभियोजन विभाग, सरकार करेगी वित्तीय सहायता

देहरादून: संविधान दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन देहरादून में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत के संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाई. साथ ही अभियोजन विभाग की पत्रिका का विमोचन भी किया. इस दौरान सीएम ने सभी को संविधान और विधि दिवस की शुभकामनाएं देते हुए डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद किया.

अभियोजन विभाग को दी जाएगी सहायता: वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने घोषणा की कि नए आपराधिक कानूनों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए अभियोजन विभाग को सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी. अभियोजन विभाग को डिजिटलीकरण के काम के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी.

सीए धामी ने कहा कि अभियोजन विभाग में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी. अभियोजन विभाग के अधिकारियों को राज्य में बोली जाने वाली तमाम बोलियों का प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी.

वहीं, सीएम ने कहा कि अभियोजन सेवा हमारी न्याय व्यवस्था का वो महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो सत्य को प्रतिष्ठित करने और न्याय की प्रक्रिया को पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने का काम करती है. उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 का दिन भारत के इतिहास में सदैव एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज रहेगा.

इसी दिन भारत की संविधान सभा ने भारतीय संविधान को औपचारिक रूप से स्वीकार किया था. 26 नवंबर को विधि दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 1979 में प्रख्यात विधिवेत्ता डॉ. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी के प्रयासों और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से की गई थी.

सीएम धामी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया गया है. लोगों को सुलभ, सरल और समयबद्ध न्याय उपलब्ध कराने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं.

ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट, नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स, महिला एवं बाल अपराधों के लिए त्वरित न्याय तंत्र, मेडिएशन बिल, टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई एवं डिजिटल केस मैनेजमेंट सिस्टम जैसी सभी पहल न्याय व्यवस्था को और ज्यादा पारदर्शी बना रही है.

साथ ही सुगम बनाने की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है. नए कानूनों के तहत इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड को भी सबूत के रूप में मान्यता प्रदान की गई है, जिससे जांच और अभियोजन प्रक्रिया पहले की तुलना में अधिक विश्वसनीय, वैज्ञानिक एवं प्रमाणिक बनी है.

न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर हो रहा काम: सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है. राज्य में न्याय व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देने के लिए नए न्यायालय भवनों का निर्माण और मौजूदा संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण भी किया जा रहा है.

डिजिटल कोर्ट्स, ई-फाइलिंग और वर्चुअल हियरिंग की प्रणालियों को और ज्यादा सशक्त किया जा रहा है. विधि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और युवा अधिवक्ताओं को मेंटरशिप उपलब्ध कराने के साथ ही महिला अधिवक्ताओं के लिए भी सुरक्षित व अनुकूल वातावरण विकसित करने की दिशा में लगातार काम किए जा रहे हैं. प्रदेश में सख्त नकल-विरोधी कानून लागू करने, यूसीसी जैसे अनेक ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं.