December 13, 2024 4:30 am

वैज्ञानिक की चेतावनी ! उत्तर भारत में आ सकता है 8 की तीव्रता का भूकंप, तैयार रहें…

नई दिल्ली: नेपाल में शुक्रवार रात रिक्टर पैमाने पर 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, एमपी समेत उत्तर भारत में महसूस किए गए। बता दें कि पिछले एक महीने में नेपाल में यह तीसरा भूकंप है। इस बीच भारतीय भूकंप विज्ञानी अजय पाॅल ने चेताते हुए कहा कि उत्तर भारत को अभी और झटकों के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमालयन क्षेत्र में भूकंपीय बेल्ट सक्रिय है। नेपाल में भूकंप के केंद्र बिंदु का जब अध्ययन किया गया तो सामने आया कि इस क्षेत्र में उर्जा जारी करने वाला एक बड़ा क्षेत्र है।

वैज्ञानिक अजय पाॅल ने बताया कि शुक्रवार रात को आए भूकंप का केंद्र नेपाल के डोटी के आसपास था। नवंबर 2022 में भी यहां 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं कई लोग घायल हो गए थे। 3 अक्टूबर को भी नेपाल के इस क्षेत्र में कई भूकंप आए। यह क्षेत्र नेपाल के बिल्कुल बीच में स्थित हैं। वहीं लगातार आ रहे भूकंप से इस बात का पता चलता है कि कई भूकंपीय बेल्ट सक्रिय है। इस क्षेत्र से लगातार ऊर्जा बाहर आ रही है।

इसलिए आ रहे लगातार भूकंप

इससे पहले कई भू- वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की थी कि हिमालय में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में भारतीय टेक्टोनिक प्लेट की लगातार उत्तर दिशा की ओर बढ़ रही है। वहीं ये यूरेशियन प्लेट से भी टकरा रही है इसके कारण जमीन में दबाव बन रहा है और जब दबाव उर्जा के रूप में रिलीज होता है तो भूकंप आते हैं। अजय पाॅल इससे पहले वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन में काम कर चुके हैं।

ऐसे हुआ हिमालय का निर्माण

उन्होंने बताया कि 40 से 50 मिलियन साल पहले भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट में टकराव शुरू हुआ था। उन्होंने चैंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि भारतीय प्लेट हिंद महासागर से उत्तर की ओर बढ़ रही है और इसी टकराव के चलते हिमालय का निर्माण हुआ। भारतीय और यूरेशियन प्लेट में टकराव के कारण ही हिमालय की ऊंचाई लगातार बढ़ रही है।

वैज्ञानिक अजय पाॅल ने बताया कि लगातार बन रहा दबाव बड़े भूकंप से रिलीज होगा। अगर ऐसा होता है तो आठ से अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है जो काफी विनाशकारी साबित होगा। हालांकि सटीक भविष्यवाणी का कोई तरीका नहीं होने के कारण यह पता लगाना मुश्किल है कि वास्तव में इतना बड़ा भूकंप कब आएगा।