पौड़ी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल में आयोजित शहीद स्मरण समारोह शामिल हुए. जहां उन्होंने 102.82 करोड़ रुपए की 11 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. इनमें 56.58 करोड़ की 6 योजनाओं का लोकार्पण और 46.24 करोड़ की 5 योजनाओं का शिलान्यास शामिल रहा.
सीएम धामी ने विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण भी किया और ओखली में धान कूटने, सिलबट्टे पर चटनी पीसने और मट्ठा निकालने जैसी पारंपरिक गतिविधियों पर भी हाथ आजमाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पहाड़ी उत्पादों की मांग देश-विदेश में तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में स्थानीय लोग स्वरोजगार अपनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बनें.
वहीं, सीएम धामी वीरांगनाओं, शहीदों के परिजनों और पूर्व सैनिकों को शॉल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि यह अवसर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि शहीदों को सामूहिक श्रद्धांजलि देने का क्षण है. उत्तराखंड का हर घर सेना से जुड़ा है और राज्य सरकार सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है.
सीएम धामी के संबोधन की अहम बातें-
- शहीद परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख की गई.
- परमवीर चक्र व अन्य वीरता पुरस्कारों की राशि में वृद्धि की गई.
- शहीदों के अंतिम संस्कार के लिए ₹10 हजार की सहायता दी जा रही है.
- भूमि खरीद पर सैनिकों को 25 फीसदी तक स्टांप ड्यूटी में छूट दी जा रही है.
- 28 शहीद परिजनों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है. जबकि, 13 मामलों की प्रक्रिया जारी है.
वहीं, सीएम धामी ने कहा कि देहरादून में भव्य सैन्य धाम का निर्माण अंतिम चरण में है, जो जल्द ही लोकार्पित होगा. उन्होंने पौड़ी जिले में हो रहे विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि कंडोलिया में 100 मीटर ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज, पूर्व सीडीएस बिपिन रावत पार्क, सतपुली झील, धारी देवी पैदल मार्ग और चारधाम पैदल मार्ग के दोबारा संचालन को लेकर काम तेजी से चल रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार क्षेत्रवाद और जातिवाद से ऊपर उठकर विकास के लिए काम कर रही है. उन्होंने लैंड जिहाद, धर्मांतरण, दंगा विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता (UCC), ऑपरेशन कालनेमि और नकल विरोधी कानून जैसे कदमों को सुशासन की दिशा में ऐतिहासिक बताया.
सीएम धामी ने रिखणीखाल क्षेत्र के लिए की कई नई घोषणाएं: इस अवसर पर सीएम धामी ने रिखणीखाल क्षेत्र के लिए कई नई घोषणाएं भी की. जिनमें विद्यालय का नाम परिवर्तन, सड़कों, पंपिंग योजनाओं, अतिथि गृह, प्रेक्षागृह, पशु सेवा केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र और अमर शहीदों के नाम पर मोटरमार्गों का नामकरण शामिल हैं.
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