मसूरी: उत्तराखंड के शताब्दी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि देने पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने राज्य सरकार पर करारा प्रहार किया. उन्होंने कहा भाजपा सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों और शहीदों की भावनाओं की अनदेखी की है. करन माहरा ने शहीद स्थल पर उपवास पर बैठे आंदोलनकारी कमल भंडारी का उपवास तुड़वाया. उन्होंने कहा वे उनकी पीड़ा को लेकर सरकार से बात करेंगे.
शहीदों की उपेक्षा और सरकार पर तंज: शहीद स्थल पर पहुंचे करण माहरा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य उन आंदोलनकारियों की कुर्बानियों पर टिका है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी. माहरा ने कहा कि आज वही आंदोलनकारी और उनके परिजन न्याय की प्रतीक्षा में बैठे हैं, जबकि सरकार उत्तराखंड शहीदों को भूल चुकी है. उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष का जश्न तभी सार्थक होगा जब राज्य सरकार शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनेगा.
प्रधानमंत्री की घोषणाएं चुनावी जुमले: करन माहरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया उत्तराखंड यात्रा पर लगभग ₹8 हजार करोड़ की योजनाओं की घोषणा पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा यही कहानी बिहार में भी दोहराई गई. चुनाव से पहले वहां भी ₹80,हजार करोड़ की घोषणा हुई, लेकिन आज बिहार के लोग पूछ रहे हैं कि वह पैसा कहां गया? माहरा ने आरोप लगाया कि हल्द्वानी में घोषित ₹2,2 हजार करोड़ की योजना तीन साल बाद भी धरातल पर नहीं उतरी है. उन्होंने कहा घोषणाएं करना आसान है, लेकिन उन्हें अमल में लाना मुश्किल है. प्रधानमंत्री उत्तराखंड में बार-बार आते हैं, पर वादे वही पुराने रहते हैं.
अंकिता भंडारी और आपदा प्रबंधन पर निशाना: करन माहरा ने प्रधानमंत्री से यह भी पूछा कि जब अंकित भंडारी हत्याकांड हुआ था, तब वे उत्तराखंड आए थे, लेकिन उन्होंने एक शब्द तक नहीं कहा. माहरा ने कहा क्या उत्तराखंड के बेटी को न्याय दिलाने की बात प्रधानमंत्री के भाषणों में जगह नहीं पा सकती?”उन्होंने हाल ही में आई भीषण आपदा पर प्रदेश सरकार की तैयारी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि थराली में आपदा आई तो पांच दिन बाद सिर्फ मोमबत्तियां भेजी गईं. सरकार के पास न योजना है, न प्रबंधन। पता तक नहीं कि कितने लोग मारे गए हैं. माहरा ने बताया राज्य सरकार ने केंद्र से आपदा राहत के लिए ₹5,700 करोड़ की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने केवल ₹1,200 करोड़ की स्वीकृति दी. उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने ₹1,000 करोड़ तो अपनी ब्रांडिंग और प्रचार में खर्च कर दिए जनता पर नहीं, विज्ञापन पर खर्च किये गए है.
वेतन के लिए कर्ज, और कर्ज में डूबा प्रदेश: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने कहा आज हालात इतने खराब हैं कि सरकार को कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है. माहरा ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड को कर्ज के जाल में फंसा दिया है. प्रदेश का ऋण पिछले 10 वर्षों में पांच गुना बढ़ गया है.
पीएम की रैली पर भी उठाए सवाल: प्रधानमंत्री मोदी की देहरादून रैली को लेकर माहरा ने आरोप लगाया कि स्कूलों और छात्रों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है. सरकारी विद्यालयों को नोटिस देकर कहा गया कि छात्र रैली में जाएं. उन्होंने कहा बसों पर भाजपा के झंडे लगाए गए.
माहरा ने कहा कि विधानसभा सत्र में सरकार को राज्य के विकास, नई तकनीकी और आपदा प्रबंधन पर चर्चा करनी चाहिए थी, लेकिन चर्चा “भ्रम फैलाने” तक सीमित रही. उन्होंने भर्ती घोटालों और पेपर लीक प्रकरणों का जिक्र करते हुए कहा कि नकल विरोधी कानून बनाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
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