देहरादून: आईएमएस की ऐतिहासिक पासिंग आउट परेड संपन्न हो गई है. भारतीय सैन्य अकादमी के चेटवुड भवन के ग्राउंड पर ऑफिसर्स कैडेट ने शानदार परेड से सभी का दिल जीत लिया. थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने परेड की सलामी ली. अकादमी की परंपरा के अनुसार पास आउट होने वाले कैडेट्स मैदान पर परेड करते नजर आए. इसके बाद पीपिंग सेरेमनी और फिर प्रथम पग के साथ उनकी सेना में बतौर अफसर एंट्री हो गई.
‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ निष्कल द्विवेदी को मिला है. सिल्वर मेडल बादल यादव को हिस्से आया है. ब्रॉन्ज मेडल पर कमलजीत सिंह ने अपना नाम लिखाया. बेस्ट मित्र देश कैडेट बांग्लादेश के मोहम्मद अशरफ बने हैं.
इन्हें मिले प्रमुख पुरस्कार: स्वॉर्ड ऑफ ऑनर एवं स्वर्ण पदक (मेरिट में प्रथम) एसीए निष्कल द्विवेदी को प्रदान किया गया. रजत पदक (द्वितीय स्थान) बीयूओ बादल यादव तथा कांस्य पदक (तृतीय स्थान) एसयूओ कमलजीत सिंह को मिला. टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स में मेरिट में प्रथम स्थान के लिए ऑफिसर कैडेट जाधव सुजीत संपत और टेक्निकल एंट्री स्कीम–46 में प्रथम स्थान के लिए डब्ल्यूसीसी अभिनव मेहरोत्रा को रजत पदक प्रदान किया गया.
स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स का रजत पदक ऑफिसर कैडेट सुनील कुमार छेत्री को दिया गया. विदेशी कैडेट्स में मेरिट में प्रथम स्थान का पदक बांग्लादेश के जेयूओ मोहम्मद सफ़ीन अशरफ को मिला. ऑटम टर्म 2025 में समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए इम्फाल कंपनी को थल सेना प्रमुख बैनर प्रदान किया गया.
157वें कोर्स के साथ भारतीय सैन्य अकादमी ने एक बार फिर राष्ट्र के लिए साहस, पेशेवर दक्षता और अटूट समर्पण से नेतृत्व करने वाले अधिकारियों के निर्माण की अपनी गौरवशाली परंपरा को सुदृढ़ किया है।
आईएमए की पासिंग आउट परेड: देश के 491 युवाओं ने जिस सपने को आंखों में सजाया था, वह अब साकार हो गया है. कड़ी मेहनत, अनुशासन और कठिन प्रशिक्षण के लंबे दौर के बाद ये युवा भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर देश सेवा के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान शारीरिक, मानसिक और नेतृत्व क्षमता की हर कसौटी पर खरे उतरने वाले इन युवाओं के लिए यह क्षण जीवन का सबसे गौरवपूर्ण पल रहा.
देश को मिले 491 सैन्य अफसर: इस बार अकादमी से कुल 525 ऑफिसर्स कैडेट्स पास आउट हुए हैं. इनमें भारत के 491 कैडेट्स के साथ-साथ 14 मित्र देशों के 34 विदेशी कैडेट्स भी शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सैन्य अकादमी की साख और भरोसे का यह एक और प्रमाण है. हर बैच की तरह यह बैच भी देश सेवा की शपथ के साथ इतिहास रचते हुए अकादमी से विदा लेने जा रहा है.
थल सेना अध्यक्ष ने ली परेड की सलामी: खास बात यह है कि इस बार पासिंग आउट परेड में स्वयं थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी मौजूद रहे. उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और कैडेट्स की सलामी स्वीकार की. सेना प्रमुख की मौजूदगी ने इस समारोह को और भी विशेष और गौरवशाली बना दिया.
आईएमए के आसपास सुरक्षा कड़ी: पासिंग आउट परेड को लेकर अकादमी और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी. अकादमी परिसर के भीतर सेना के जवान तैनात किए गए थे, जबकि बाहरी क्षेत्रों में पुलिस बल की भी व्यापक तैनाती की गई. किसी भी तरह की अव्यवस्था से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट रही.
प्रेमनगर से आगे ट्रैफिक डायवर्जन: वहीं, परेड के मद्देनजर ट्रैफिक प्लान में भी बदलाव किया गया. प्रेमनगर से आगे अकादमी की ओर जाने वाले मार्ग पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया. बड़ी संख्या में लोग पीओपी देखने पहुंचे थे तो जाम की स्थिति से बचने के लिए प्रशासन ने पहले से ही वैकल्पिक मार्ग तय किए थे.
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