December 20, 2025 1:04 pm

रिवर्स पलायन को लेकर एक्टिव धामी सरकार, राज्यभर में आयोजित करेगी प्रवासी पंचायतें, जानिए इसके फायदे

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज 19 दिसंबर शुक्रवार को ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग उत्तराखंड की दसवीं बैठक हुई. इस बैठक में पलायन पर विस्तार से चर्चा हुई. सीएम धामी ने कहा कि पलायन की समस्या राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती रही है, लेकिन पिछले चार-पांच सालों में रिवर्स पलायन को प्रोत्साहित करने की दिशा में राज्य सरकार ने तमाम महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए तमाम योजनाएं लागू की गई हैं. इन योजनाओं के तहत लोन लेने पर पात्र लाभार्थियों को अनुदान (सब्सिडी) भी दी जा रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है.

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्यभर में प्रवासी पंचायतों का आयोजन किया जाए, जिनमें देश एवं विदेश में कार्यरत प्रवासियों को आमंत्रित किया जाए. उन्हें राज्य सरकार की रिवर्स पलायन से जुड़ी पहलों की जानकारी दी जाए और उनके सुझाव भी प्राप्त किए जाएं.

मुख्यमंत्री ने आयोग के सदस्यों से अन्य राज्यों में जाकर रिवर्स पलायन के लिए राज्य सरकार की ओर से किए गए कामों की जानकारी देने के साथ ही पलायन रोकने और रिवर्स पलायन से जुड़े नवाचारों का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए. साथ ही त्रियुगीनारायण की तर्ज पर राज्य के 25 नए स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाए. इन स्थलों में सभी मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए. पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए लघु उद्योगों के संवर्धन पर भी बल दिया गया.

वहीं, ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अब रिवर्स पलायन का रुझान देखने को मिल रहा है. अब तक करीब 6282 व्यक्ति वापस अपने गांवों में लौटे हैं. इनमें देश के भीतर और विदेशों से लौटे लोग भी शामिल हैं. अधिकतर लोग पर्यटन और लघु उद्योग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. साथ ही आत्म निर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

पिछले चार सालों में करीब 6282 लोग जो प्रदेश से पलायन कर गए थे, उन्होंने रिवर्स पलायन किया है, जो अपने गांव में लौटकर कारोबार कर रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बैठक के दौरान विस्तृत रूप से चर्चा किया है.

साथ ही बताया कि सीएम ने बैठक के दौरान प्रवासी पंचायत करने के निर्देश दिए हैं. जिन-जिन राज्यों में उत्तराखंड के लोग रह रहे हैं, उनसे संपर्क करते हुए बातचीत किया जाए. रिवर्स पलायन के लिए उनको प्रेरित किया जाए. इन चार सालों में जितने प्रवासी वापस आए हैं, उसमें से 38 फीसदी लोग बागवानी और कृषि को अपना रहे हैं. 20 फीसदी लोग होमस्टे, टूरिज्म समेत अन्य गतिविधियों से जुड़ गए हैं. इसके अलावा अन्य लोग अलग-अलग व्यवसाय कर रहे हैं.