December 20, 2025 2:31 pm

‘बीजेपी के लोग रावण के वंशज’, हरीश रावत का भाजपा पर बड़ा हमला, लगाये गंभीर आरोप

मसूरी: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने मसूरी में भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला. हरीश रावत ने कहा राज्य में प्रशासनिक फैसले अधिकारियों के विवेक से नहीं, बल्कि भाजपा के विवेक से लिए जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पूंजीपतियों की पार्टी है.जिसने कभी गरीबों, बेरोजगारों और आम जनता के हित में गंभीरता से नहीं सोचा है.

हरीश रावत ने कहा भाजपा के लोग “रावण के भी रावण” हैं. यह सब रावण के वंशज हैं. रावण जैसे अलंकार और अहंकार के साथ राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा लोकतंत्र की यही विडंबना है कि किसी को रोजगार मिल जाता है और किसी का रोजगार छिन जाता है. इसी भाव के साथ उन्होंने लोकतंत्र के देवता से मन्नत मांगी कि जिस तरह आज देश और राज्य का युवा बेरोजगार हैं, आने वाले समय में भाजपा को भी जनता “बेरोजगार” बना दें.

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया कि राज्य की महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों, पर्यटन स्थलों और संसाधनों को “दोस्तों और चहेतों” को सौंपा जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को सिर्फ नाम का राज्य छोड़ दिया गया है, जबकि इसकी बहुमूल्य जमीनें और संसाधन गैर-उत्तराखंडियों के हाथों में सौंपे जा रहे हैं. यह सब एक सोचा-समझा षड्यंत्र है, जिससे राज्य की आत्मा को कमजोर किया जा रहा है.

मनरेगा खत्म करने का आरोप: हरीश रावत ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को लेकर भी भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा भाजपा मनरेगा का नाम बदलने और उसकी आत्मा खत्म करने का काम कर रही है. यह योजना महात्मा गांधी के नाम पर इसलिए रखी गई थी क्योंकि गांधीजी भारत की संपूर्णता, गरीबों के कल्याण और रामराज्य के प्रतीक थे. उन्होंने कहा मनरेगा रोजगार की एक “कानूनी क्रांति” थी. जिसे धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है. इस योजना की आत्मा ग्राम विकास थी. जिसमें सीधा पैसा गांव तक जाता था. गांव के लोग खुद तय करते थे कि उसे कैसे खर्च करना है. भाजपा ने इस पूरी व्यवस्था को कमजोर कर दिया है.

राम और गांधी को अलग नहीं किया जा सकता: हरीश रावत ने कहा भगवान राम के सबसे बड़े भक्त महात्मा गांधी थे. उन्होंने “रघुपति राघव राजा राम” गाया और जीवन के अंतिम क्षणों में भी “हे राम” कहा. ऐसे महान भक्त के नाम को खत्म करने का षड्यंत्र भाजपा रच रही है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा आने वाले समय में संघर्ष कर रहे गरीबों और आम लोगों से “राम” को भी छीन लेगी. अंततः राम को अडानी-अंबानी का प्रतीक बनाकर रख देगी. हरीश रावत के इस तीखे और भावनात्मक बयान ने उत्तराखंड की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी घमासान और तेज होने के संकेत मिल रहे हैं.