August 11, 2025 12:47 am

थराली की पूर्व विधायक मुन्नी देवी का निधन, देहरादून के अस्पताल में ली अंतिम सांस

देहरादून: थराली की पूर्व विधायक और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी शाह का निधन हो गया है. वह बीते 3 महीने से अस्वस्थ चल रही थीं. उनका इलाज पहले दिल्ली और उसके बाद देहरादून के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. आज चमोली जिले के कर्णप्रयाग संगम तट पर मुन्नी देवी शाह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पूर्व बीजेपी विधायक मुन्नी देवी शाह का निधन: जानकारी के अनुसार शुक्रवार सवेरे उन्होंने देहरादून के अस्पताल में अंतिम सांस ली. बीती 30 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अस्पताल में मुन्नी देवी शाह से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके परिजनों से बातचीत की थी. लेकिन पिछले तीन माह से गंभीर बीमारी से जूझ रही थराली की पूर्व विधायक मुन्नी देवी शाह का शुक्रवार की सुबह निधन हो गया.

2018 में जीती थीं थराली विधानसभा सीट का उपचुनाव: मुन्नी देवी ने 2018 में चमोली जिले की थराली विधानसभा सीट का उपचुनाव जीतकर प्रतिष्ठा बचाने में कामयाबी हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस के प्रोफेसर जीत राम को 1,981 मतों के अंतर से हराया था. वह दिवंगत विधायक मगनलाल शाह की पत्नी थीं. मगनलाल शाह के निधन के बाद थराली सीट पर उपचुनाव हुआ था.

जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहीं मुन्नी देवी: जब थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था, तब मुन्नी देवी चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष हुआ करती थीं. मुन्नी देवी ने दमखम से थराली विधानसभा उपचुनाव लड़ा था. सिंपैथी लहर में मुन्नी देवी चुनाव जीत गई थीं. मुन्नी देवी की जीत बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई थी.

महिला मंगल दल सदस्य भी रहीं: मुन्नी देवी का का जन्म 1971 में हुआ था. शादी के बाद वह महिला मंगल दल की सदस्य भी रहीं. हाईस्कूल पास मुन्नी देवी ने 2014 में पहली बार जिला पंचायत के सदस्य के रूप में कोठली से चुनावी बाजी मारी थी. इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए निर्वाचित हुईं. उन्हें 2017 नवंबर को पंचायती राज विभाग ने पुरस्कृत भी किया था.

2022 में नहीं मिला था टिकट: 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मुन्नी देवी को टिकट नहीं दिया था. इस बार पार्टी ने भूपाल राम टम्टा को थराली से चुनाव मैदान में उतारा. मुन्नी देवी शाह की बड़ी हसरत थी कि उन्हें पार्टी टिकट दे और वो फिर से विधानसभा पहुंचें. लेकिन टिकट भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष भोपाल राम टम्टा को मिला और उन्होंने चुनाव जीतकर पार्टी को निराश नहीं किया. बताते चलें की थराली विधानसभा सीट एससी कैंडिडेट के लिए आरक्षित है. बीजेपी के भूपाल राम टम्टा ने इस सीट पर कांग्रेस के डॉ जीत राम को हराया था.