हल्द्वानी: आज रक्षा बंधन का पर्व है. पूरे देश की तरह हल्द्वानी में भी भाई-बहन के अटूट स्नेह का त्यौहार रक्षाबंधन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत हमेशा से अपने बेहतर कार्यशैली और जनता के बीच अच्छी छवि वाले आईएएस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं. इस बार दीपक रावत रक्षा बंधन के दिन जेल पहुंचे. उन्होंने यहां महिला कैदियों से राखी बंधवाई और उन्होंने शुभकामनाएं दी.
राखी के दिन हल्द्वानी जेल पहुंचे कमिश्नर दीपक रावत: वरिष्ठ आईएएस अधिकारी कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत रक्षाबंधन के मौके पर कुमाऊं की सबसे अधिक कैदियों वाली हल्द्वानी जेल पहुंचे. उन्होंने यहां महिला बंदियों से मुलाकात कर उनसे राखी बंधवाई. इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत की पत्नी विजेता रावत, जेल के अधीक्षक प्रमोद पांडेय समेत जेल का पूरा स्टाफ मौजूद रहे.
कमिश्नर दीपक रावत ने महिला कैदियों से राखी बंधवाई: कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि इन बंदी महिलाओं से जाने-अनजाने में अपराध हुए हैं. मैंने जेल पहुंचकर बंदी महिलाओं के हाथों से रखी बंधवाकर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. इस दौरान उन्होंने उनकी समस्याओं पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि कई महिला बंदियों के भाई इस बार राखी पर उनसे मिलने नहीं आ सके. ऐसे में उनकी भावनाओं को समझते हुए उन्होंने जेल आकर उनके साथ यह पावन पर्व मनाने का निर्णय लिया और सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दीं.
कमिश्नर ने महिला कैदियों को मदद का आश्वासन दिया: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि उन्होंने जेल सुपरिटेंडेंट से इस मामले को लेकर शुक्रवार को ही वार्ता की थी. जिसके बाद जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि यहां 24 महिलाएं हैं, जो जेल में बंद हैं. कई महिलाओं के भाई रक्षाबंधन पर उनसे राखी बंधवाने नहीं आ रहे हैं. ऐसे में उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए रक्षाबंधन के मौके पर जेल में पहुंचकर महिला बंदियों के हाथों से राखी बंधवाई और उनको शुभकामनाएं दी. इस दौरान उन्होंने महिला कैदियों से व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी ली. दीपक रावत ने बताया कि महिलाएं पूरी तरह से संतुष्ट नजर आईं. मैंने उन्हें हर संभव मदद करने का भी आश्वासन दिया.
महिलाओं ने जेल में बंद भाइयों को बांधी राखी: वहीं हल्द्वानी जेल में रक्षाबंधन के मौके पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची थी. उन्होंने जेल में बंद अपने भाइयों की कलाइयों में राखी बांधी है. रक्षाबंधन के मौके पर जेल प्रशासन ने जेल में बंद भाइयों से मिलने आई महिलाओं के लिए खास व्यवस्था की थी. महिलाओं ने अपने भाइयों से मुलाकात कर उनको राखियां बांधी. इस दौरान भाई बहन के प्रतीक इस त्यौहार में कई ऐसे भावुक दृश्य भी देखने को मिले, जहां बहन अपने कैदी भाइयों से लिपटकर आंसू भी बहा रही थी.