December 5, 2025 7:00 pm

फिर चर्चाओं में देहरादून ग्रीन बिल्डिंग, डीएम ने किया निरीक्षण, अधिकारियों को लगाई फटकार

देहरादून: राजधानी देहरादून में निर्माणाधीन ग्रीन बिल्डिंग का आज जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने धीमी गति से हो रहे कामों को लेकर कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को फटकार लगाई. जिलाधिकारी ने लेबर चार्ट के अनुसार श्रमिक तैनात कर निर्धारित समय सीमा जून 2026 तक निर्माण पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं. साथ ही मैन, मैट्रियल और थर्ड पार्टी गुणवत्ता की प्रति सप्ताह तलब की रिपोर्ट का चार्ट बनाने के निर्देश भी दिये गये हैं.

आज हरिद्वार रोड स्थित स्मार्ट सिटी लिमिटेड परियोजना अन्तर्गत निर्माणाधीन ग्रीन बिल्डिंग का जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने ग्रीन बिल्डिंग की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यों को निर्धारित समय सीमा जून 2026 तक पूरा करने के निर्देश दिए. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ग्रीन बिल्डिंग मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर इसमें किसी भी प्रकार की कोताही क्षम्य नहीं होगी. निर्माण स्थल पर उपलब्ध सभी सुविधाओं, सामग्री, श्रमिकों की संख्या और कार्य गति को चेक किया गया. मौके पर जिलाधिकारी ने पाया कि कार्य में अनावश्यक विलंब हो रहा है. जिस पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अगले 6 महीने के भीतर पूरी परियोजना को पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि समय सीमा में कार्य पूरा न होने की स्थिति में विभागीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी ने निर्माण कार्यों में उच्च गुणवत्ता, पर्यावरण अनुकूल तकनीक और सुरक्षा मानकों का विशेष रूप से पालन करने के निर्देश दिए. साथ ही संबंधित अधिकारियों को कार्य प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए. जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था सीपीडब्लूडी के अधिकारियों से वर्तमान में कार्यरत श्रमिकों की संख्या पूछने पर बताया कि वर्तमान में 140 श्रमिक कार्य कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने लेबर चार्ट के बारे में पूछने पर अधिकारियों ने बताया 300 लेबर होनी चाहिए. जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए डीएम ने लेबर बढाते हुए 3 शिफ्ट में कार्य करने के निर्देश दिए.

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कार्यदायी संस्था के अधिकारियों से लेबर प्लान, मैट्रियल प्लान, प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गये हैं. मैट्रियल टैस्टिंग लैब की जानकारी लेने पर मुख्य अभियंता सीपीडब्लूडी ने बताया 90 प्रतिशत टेस्टिंग साईट पर अवस्थित टैस्टिंग लैब से और 10 प्रतिशत बाहर से कराए जाते हैं.