देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में गुरुवार को धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र पहुंचा. वहां स्थितियों का जायजा लेने से पूर्व कांग्रेस जनों ने कुछ मिनटों के लिए आपदा में जान गंवा चुके लोगों की आत्मा की शांति के लिए मौन भी रखा. इस दौरान गणेश गोदियाल ने प्रतिनिधिमंडल के धराली आगमन से पूर्व इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने का भी आरोप लगाया है.
धराली पहुंचा कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल: गणेश गोदियाल ने वहां से एक वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया कि हमारे पहुंचने से पहले आशंका के अनुरूप सरकार ने धराली में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. हालांकि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के यहां आने से पूर्व इंटरनेट सेवाएं बहाल थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने धराली के स्थलीय निरीक्षण से पूर्व आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए कुछ मिनटों के मौन के रूप में प्रभु से प्रार्थना की. इसके बाद कांग्रेस जनों ने वहां पीड़ित लोगों से मिलकर वास्तविक स्थिति की जानकारी ली.
धराली के ताजा हालात जान रहा प्रतिनिधिमंडल: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार का काम है कि इस जगह को पूर्व की स्थिति में लाने का प्रयास करे. लेकिन जो सरकार मलबे में दबे लोगों के शवों को निकालने का प्रयास नहीं कर पा रही है, वह सरकार इस जगह की स्थिति को पूर्व की भांति कैसे ला पाएगी. सरकार का यह कहना कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को क्षतिपूर्ति नहीं दी जाएगी, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को पता होना चाहिए कि आपदा से पहले जब यहां व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित हो रहे थे, उस समय उन प्रतिष्ठानों में रुकने वाले यात्रियों ने अवश्य टैक्स चुकाया होगा. टैक्स के रूप में इन प्रतिष्ठानों ने देश की जीडीपी में अपना योगदान भी दिया होगा. तब सरकार का फर्ज बनता है कि इस विपत्ति के समय ऐसे प्रतिष्ठानों की रक्षा करते हुए मदद करे.
गणेश गोदियाल ने किया केदारनाथ आपदा का जिक्र: गणेश गोदियाल ने कहा कि केदारनाथ में जब इसी तरह आपदा आई थी, उस समय की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने होटल ढाबे, प्रतिष्ठान चलाने वालों को आपदा में हुए नुकसान का स्व आकलन करने का निर्णय लिया था. उनकी तरफ से सरकार को त्रासदी में हुए नुकसान का आकलन करके राज्य सरकार को एफिडेविट दिया गया. जिसके बाद सरकार ने वहां दैवीय आपदा में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति की थी.
मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद करने की मांग: इसी तरह धराली आपदा भी उसी श्रेणी में आती है. यहां जिन लोगों का भी व्यावसायिक नुकसान हुआ है, उनसे एफिडेविट लेकर मोटा आकलन करते हुए क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए. सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष का इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए कर रही है, लेकिन धराली आपदा से प्रभावित व्यावसाइयों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में एक भी पैसा नहीं है. इस राहत कोष से भी प्रभावितों को धनराशि आवंटित की जा सकती थी. सरकार कन्नी काटते हुए रास्ता बदल रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी सरकार को किसी भी सूरत में रास्ता नहीं बदलने देगी.
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने ली शपथ: कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एक प्रतिज्ञा भी ली है. प्रतिज्ञा में यह दोहराया गया कि सरकार इस जगह को पूर्व की भांति बनाने के लिए प्रयास करते हुए कार्य योजना बनाये. इसी कस्बे के पास स्थित मुखवा गांव से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में घाम तापो योजना की घोषणा की थी, लेकिन यहां के लोग इस योजना को अभिशाप के रूप में मान रहे हैं. कांग्रेस ने संकल्प लिया है कि सरकार धराली को पहले की तरह हरा भरा करे, अन्यथा कांग्रेस की सरकार अगर सत्ता में आती है, तो इस जगह को पूर्व की भांति हरा-भरा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
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